हमारे जीवन के लिए जितना महत्वपूर्ण पानी हैं , उतना ही महत्वपूर्ण हैं घर से गंदे पानी का निकास। भवन निर्माण के समय गंदे पानी का यही निकास बहुत जरुरी हैं। एक समय था जब गन्दा पानी खुली नालियों द्वारा व मल मूत्र मनुष्य द्वारा सिर पर धोया जाता था पर आज यह सब काम जमीं की भीतरी नालियों तथा फ्लश लैट्रिन द्वारा किया जाता हैं जो अच्छी सेहत व शुद्ध परवायरन के लिए बहुत जरुरी हैं। परन्तु आज भी ज्यादातर गावो सहरो की बाहरी बस्तिया तथा छोटे कस्बो में सीवरेज सिस्टम नहीं हैं। इन गावो और छोटे कसबे के रहने वाले अपने घरो में सेप्टिक टैंक बनाकर सीवरेज सिस्टम की कमी को पूरा करते हैं तथा सीवरेज प्रणाली वाली हर सुभीधा का फ़ायदा उठाते हैं। Septic Tank Size for Hostels and Boarding Schools as per IS Code 2470
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Septic Tank Size for Hostels and Boarding Schools as per IS Code 2470
No. of Users
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Length
(meter)
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Breadth
(meter)
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Liquid Depth in meter
(Cleaning Interval of)
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1 year
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2 year
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50
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5.0
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16
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1.3
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1.4
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100
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5.7
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2.1
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1.4
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1.7
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150
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7.7
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2.4
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1.4
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1.7
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200
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8.9
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2.7
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1.4
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1.7
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300
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10.7
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3.3
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1.4
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1.7
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सेप्टिक टैंक आरसीसी या ईटो की दीवार का जमीं के निचे बना एक आयातकार टैंक होता हैं। जिसकी छत भी आरसीसी (सीमेंट कंक्रीट) से बानी होती हैं। सेप्टिक टैंक को अंदर से वाटरप्रूफ पाउडर युक्त सीमेंट मसाले से प्लास्टर किया जाता हैं। इसमें घर के सभी शौचालय लैट्रिन आदि का मल मूत्र निकासी पाइप द्वारा इकठ्ठा होता हैं। जो एनारोबिक बैक्टीरिया की उपस्तिथि में छोटे छोटे कणो गैस व तरल रूप में बदलता हैं। हानिकारक व दूषित गैस वायु (वेंट) पाइप द्वारा वायुमंडल में चली जाती हैं और तरल पदार्थ निकाशी पाइप द्वारा सॉकेज पिट या फिर गंदे पानी वाले नाली में दाल दिए जाते हैं । ठोस पदार्थ के छोटे छोटे कण सेप्टिक टैंक के निचे जमा होते रहते हैं जिन्हे लगभग दो वर्षो बाद साफ़ कर दिया जाता हैं। इस सारि प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 24 घंटे लगते हैं। इसलिए ये जरुरी हैं की सेप्टिक टैंक का आकर इतना जरूर हो की मल मूत्र रासायनिक क्रिया पूरी होने के लिए टैंक में 24 घंटे जरूर रहे। सेप्टिक टैंक की छमता प्रति वयक्ति 350 लीटर के मुताबिक होनी चाहिए तथा किसी भी सूरत में इसकी छमता 2000 लीटर से काम न हो। इसके ऊपर एक मैनहोल भी बना हो जिसका साइज गोल होने की सूरत में 50-60 सेंटीमीटर diameter व आयातकार हो तोह 60 x 45 सेंटीमीटर हो ताकि सफाई करते समय कोई दिक्कत न आये।
विस्तृत विवरण के लिए, सिविल इंजीनियर मुकेश साह द्वारा यह पूरा वीडियो ट्यूटोरियल देखें।
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